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Thursday, April 8, 2010

A SERIES OF PUBLIC AWARENESS FILMS


किसी प्रदेश की राजधानी में कानून-व्यवस्था चाक-चौबंद रखना और एक अनुशासन बनाए रखना हमेशा से अधिकारियों के लिए टेढी खीर रहा है। बावजूद तमाम दिक्क़तों के पुलिस द्वारा इसे बेहतर तरीक़े से अंजाम देने का भरसक प्रयास किया जाता है। हमारा मानना है कि कानून-व्यवस्था बनाए रखना पुलिस के साथ-साथ किसी नागरिक की भी उतनी ही ज़िम्मेदारी है। बस ज़रूरत है थोडी जागरूकता की।

इसी को ध्यान में रखते हुए डीजीपी साहब, आईजी साहब के मार्गदर्शन में पुलिस अधीक्षक रायपुर श्री अमित कुमार ने पांच स्पाट फिल्मों की सीरिज़ का निर्माण कराया है क्योंकि हमेशा से देखा गया है कि पढ़ने और सुनने से ज्यादा, दिखने का असर होता है। हम उस घटना या विषय को ज्यादा जल्दी समझ पाते हैं जिसे हम देखते हैं क्योंकि उसे हम महसूस कर पाते हैं। उसकी छवि हमारे ज़हन में देर तक बसी रहती है। हमारा प्रयास है कि इसे देखकर नागरिक अपनी उन ज़िम्मेदारियों के प्रति सजग होंगे, जिन्हे वे जानते तो हैं लेकिन उनका पालन नही करते या कहें बहुत गंभीरता से नहीं लेते। अगर वो इनके प्रति थोडा जागरुक हो जाएं तो निसंदेह अपराध ग्राफ में तेज़ी से गिरावट आएगी और आम नागरिक भी सहयोगी बन जाएंगे। इसके निर्माण में सीएसपी रजनेश सिंह, बीबीएस राजपूत और उनकी टीम का विशेष सहयोग मिला।

इन फ़िल्मों का निर्माण जे.बी.कम्युनिकेशन द्वारा कराया गया है जिन्होने बेहद खूबसूरती से इन्हें फिल्माया है।

AMIT KUMAR (IPS)
SP, Raipur District,Chaattisgarh

DON'T ALLOW MINOR TO DRIVE


छोटे–छोटे बच्चे स्कूटी और बाइक चलाते आजकल आम दिख जाते हैं। पर क्या आपने कभी सोचा है कि इन स्कूल जाने वाले बच्चों के हाथ में गाडी देकर आपने उसे और मुसीबत में डाल दिया है और साथ ही ज़िद्दी बनाना शुरू कर दिया है। इससे ये खुद तो परेशानी में आते ही हैं, दूसरों के लिए भी दुर्घटना का सबब बन सकते हैं। नाबालिगों को गाडी चलाने के लिए ना दें।

HIGHWAY HELPLINE NUMBERS


अक्सर देखा गया है कि ज़रूरत के समय आपको नहीं पता होता कि कहां संपर्क करें और किससे मदद लें। खासकर हाइवे पर किसी तरह की कोई मदद नहीं मिलती। पुलिस ने एक हाइवे हेल्पलाइन सेवा शुरू की है। इस हेल्प लाइन नंबर का इस्तेमाल करें।

DO POLICE VERIFICATION OF YOUR SERVANTS


अक्सर देखा गया है कि नौकर रखते समय या मकान किराए पर देते समय पुलिस वेरिफिकेशन कराना लोग बेवजह का झंझट समझते हैं। जबकि यह आपकी सुविधा के लिए है। कभी भी घर के नौकरों या मेहमान के सामने घर में मौजूद सामान, ज़ेवरात और नकदी का हिसाब–क़िताब ना करें। यह आपके लिए घातक हो सकता है। इसके अलावा अपने पडोस में आने-जाने वालों पर नज़र रखें। किसी भी संदिग्ध गतिविधी की जानकारी अपने निकटवर्ती पुलिसकर्मी या स्टेशन में जाकर दें।

DON'T DRIVE WHEN YOU DRUNKED


अक्सर देखा गया है कि चालक नशे में (ट्रक ड्राइवर), नींद में (टेक्सी चालक) या फिर मोबाइल (आम आदमी, बाइक चलाते हुए, कार चलाते हुए) पर बात करते-करते गाडी चलाते हैं और टकरा जाते हैं। ये आपके लिए तो जानलेवा है ही साथ ही उसके लिए भी जिस बेचारे का कोई कुसूर नहीं है। दारू पीकर, नींद में या फिर मोबाइल से बात करते हुए ड्राइविंग ना करें। यह जानलेवा हो सकता है।

DONT ALLOW UNKNOW INTO YOUR HOUSE

जब कभी भी आप घर पर अकेली हों या कोई अपरिचित दरवाज़ा खटखटाए, सुरक्षा नियमों का ध्यान रखें । किसी अपरिचित के लिए दरवाज़ा ना खोलें, पहले जान लें कौन है और क्या चाहता है। किसी भी हाकर को या मांगने वाले को घर के अंदर ना आने दें। ऐसा व्यक्ति आपके घर की जानकारी लेकर किसी बडी दुर्घटना को अंजाम दे सकता है या फिर किसी बडी लूट का कारण बन सकता है।